CLASS 08 TEST SOLUTION HISTORY

 



CLASS 08 TEST SOLUTION 

31/10/2023

1. रिक्त स्थानों को भरिए-
(क) पूँजीपतियों का मुख्य उद्देश्य था अधिक-से-अधिक,______ कमाना
उत्तर-मुनाफा।
(ख) पंद्रहवीं शताब्दी में एक नये आंदोलन की शुरुआत हुई जिसे—— कहते हैं।
उत्तर-पुनर्जागरण।
(ग) मशीनों से वस्तुओं के उत्पादन की प्रक्रिया को ——- क्रांति कहते हैं।
उत्तर- औद्योगिक 
(घ)——-  में सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाता है।
उत्तर-अभिलेखागारों।
(ङ) समय के साथ देश और राज्य की—— सीमाओं में परिवर्तन होते रहते हैं।
उत्तर-भौगोलिक।
2. सही और गलत बताइए।
(क) वैज्ञानिक पद्धति का अर्थ है-प्रश्न प्रस्तुत कर प्रयोग द्वारा ज्ञान प्राप्त करना ।
उत्तर-सही।
(ख) अंग्रेज इतिहासकार जेम्स मिल का भारतीय इतिहास का धर्म के आधार पर बाँटना उचित था।
उत्तर-गलत।
(ग) ‘अमरीकी स्वतंत्रता संग्राम’ के बाद वहाँ के लोगों ने गणतंत्र प्रणाली की शुरूआत नहीं की।
उत्तर-गलत।
(घ) ऐतिहासिक स्रोतों से एक आम आदमी के बारे में भी जानकारी मिलती है।
उत्तर-गलत।
(ङ) आजादी के पहले हमारे देश की जो भौगोलिक सीमा की आजादी के बाद भी वही रह गई।
उत्तर-गलत
3. रिक्त स्थानों को भरें
(क) भारत और यूरोप के बीच स्थल मार्ग से होनेवाले व्यापार में ………की महत्वपूर्ण  भूमिका थी।
उत्तर-अरब सौदागरों।
(ख) कंपनी द्वारा खरीदा गया माल……. में रखा जाता था।
उत्तर-फैक्टरी।
(ग) एक के बाद एक कई लड़ाइयों ने मराठों को……. कर दिया।
उत्तर–कमजोर ।
(घ)……….. अंग्रेजों के साथ सबसे पहले आर्थिक सहायक संधि को स्वीकार किया
उत्तर-शुजाउद्दौला और शाह आलम ने ।
(ङ)………..’ने विलय नीति का अनुसरण किया ।
उत्तर-अंग्रेजों।

5). 
प्राचीन काल में मनुष्य की जिंदगी में आने वाले पाँच मुख्य परिवर्तन क्या हो सकते हैं। 
उत्तर-प्राचीन काल में मनुष्य का जीवन मुख्य रूप से कृषि पर आधारित था। धीरे-धीरे अन्य आर्थिक कार्यों का विस्तार हुआ जिससे वाणिज्य-व्यापार का विस्तार शुरू हुआ। इससे गांव
प्रधान विश्व में शहरी जीवन की स्पतार बढ़ने लगी। धीरे धीरे महत्वपूर्ण परिवर्तन के बतौर प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान का समाज में विस्तार हुआ। लोगों की विचारधारा व रहन सहन में भी बदलाव आये।
वस्तुतः हम कर सकते हैं कि प्राचीन काल में मनुष्य की जिंदगी में पाँच मुख्य परिवर्तन इस प्रकार है-
(1) वाणिज्य व्यापार का विस्तार, (II) शहरीकरण का बढ़ना, (iii) विश्व के अन्य भागों का समुद्री मार्ग से जुड़ना, (iv) प्रौद्योगिकी (v) विज्ञान व वैज्ञानिक सोच का विस्तार होना।

6). साम्राज्यवाद किसे कहते हैं?
उत्तर– सैनिकों के द्वारा अथवा अन्य तरीकों से विदेशी भू-भाग के प्रदेशों को अपने अधीन कर अपना राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित करने को ही साम्राज्यवाद कहते हैं।


7). आधुनिक काल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर– प्राय: अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध को (1750 ई. के बाद) आधुनिक काल का प्रारंभ माना जाता है। आधुनिक शब्द का इस्तेमाल जब समय सन्दर्भ में किया जाता है तो इसका अर्थ अतीत का सबसे नजदीक का हिस्सा होता है जो पिछले लगभग तीन सौ वर्षों से संबंधित है।


8). क्या आप भारतीय इतिहास को समझने के इस तरीके से सहमत हैं ? कक्षा में चर्चा करें।
उत्तर– कक्षा में चर्चा स्वयं करना है आपको । नहीं, मैं भारतीय इतिहास को समझने के इस तरीके से सहमत नहीं हूँ। धर्म के आधार पर किसी भू-भाग की शासन-व्यवस्था, आम जनता का जीवन या वहाँ के इतिहास को समझने की कोशिश करना मेरी दृष्टि से गलत है। किसी फालखंड को धर्मों के आधार पर बाँटना मेरी दृष्टि से संकीर्ण विचारधारा है।

9).  इतिहास को हम अलग-अलग कालखंडों में बाँटने की कोशिश क्यों करते हैं? चर्चा करें।
उत्तर– इतिहास एक अति व्यापक विषय व विचार-क्षेत्र है। अतः अध्ययन की सुविधा से व विचार-विनिमय की सुविधाओं के लिए हम इतिहास को भिन्न कालखंडों में बाँटने की कोशिश करते हैं


10). कैमरे का आविष्कार कब हुआ और ऐतिहासिक स्रोत के रूप में फोटो का क्या महत्व है? (पृष्ठ-10)
उत्तर-करीब 200 साल पहले कैमरे का आविष्कार हुआ था। भारत में इसका इस्तेमाल 1850 ई. के दौरान शुरू हुआ। मुगल साम्राज्य के अंतिम वादशाह बहादुरशाह द्वितीय का फोटो  उपलब्ध है। वह पहला और आखिरी मुगल बादशाह था जिसकी फोटो कैमरे से खींची गई थी।
ऐतिहासिक स्रोत के रूप में व्यक्तियों, स्थानों और वस्तुओं के फोटो बहुत उपयोगी जीवित होते हैं। इससे इतिहास को समझने में मदद मिलती है।

11).  यूरोप की व्यापारिक कंपनियों ने क्यों भारत के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू किया ?
उत्तर-यूरोप को व्यापारिक कंपनियों का मुख्य उद्देश्य व्यापार में अधिक-से-अधिक लाभ कमाना था। करों में छूट प्राप्त करने के लिए और राज्य में व्यापार के एकाधिकार प्राप्त करने के लिए उन्हें राजनीतिक क्षेत्र से ही ये सुविधाएँ मिल सकती हैं। अत: उन्होंने अपने लिए अधिक
सुविधाएँ पाने के क्रम में राजनीतिक अनुकम्पा प्राप्त करने की कोशिश की। उन्होंने यह भी देखा कि भारतीय राज्य एक-दूसरे से लड़ने में मशगूल हैं और उनमें फूट व वैमनस्य है। इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए उन्होंने भारत के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया।
इससे राजनीतिक सत्ता पर उनकी पकड़ भी मजबूत हो गयी और उन्हें अधिक-से-अधिक व्यापारिक सुविधाएँ भी मिल गयीं।
12). अंग्रेज बंगाल पर क्यों अधिकार करना चाहते थे?
उत्तर – बंगाल एक बड़ा और धनी प्रांत था। इसमें आधुनिक बिहार और उडीसा भी शामिल थे। बंगाल पर अधिकार प्राप्त करने का अर्थ होता कि वहाँ से अन्य यूरोपीय कंपनियों को व्यापार से दूर रखना और कुल मुनाफा स्वयं कमाना । अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए बंगाल
पर राजनीतिक अधिकार प्राप्त करना अंग्रेजों के लिए जरूरी हो गया था। ऐसी स्थिति बन जाने का अर्थ होता कि कंपनी राज्य में जो भी माल खरीदती, उस पर उसे किसी भी प्रकार का कोई कर नहीं देना पड़ता । अतः इन्हीं व्यापारिक कारणों से अंग्रेज बंगाल पर अधिकार करना चाहते थे।

13). कंपनी की सफलता के उपयुक्त कारणों में से आपके अनुसार सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारण क्या हो सकता है? इनके अतिरिक्त आप किसी और कारण के बारे में बता सकते हैं?
उत्तर-कंपनी की सफलता में सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारण, उपयुक्त कारणों में से मेरे अनुसार यह था कि उनके पास भारतीय सेनाओं से बेहतर तोपें और बंदूक थीं। कंपनी की सफलता का एक अन्य महत्वपूर्ण कारण रहा भारतीय शासकों का आपस में फूट और लगातार आपस में लड़ते रहना जिसके लिए वे विदेशी शक्ति से भी हाथ मिलाने को तैयार रहते थे। अभ्यास:-
आइए फिर से याद करें-

14). कंपनी को दीवानी मिलने से क्या-क्या फायदे हुए होंगे?
उत्तर-कंपनी को दीवानी मिलने से कंपनी को इन प्रदेशों से राजस्व वसूली का अधिकार मिल गया। शासन पर अप्रत्यक्ष अधिकार प्राप्त हो गया और व्यापार में खूब लाभ भी प्राप्त हुआ।


15). कम्पनी की फैक्टरी मद्रास एवं बम्बई में भी थे। आज इन जगहों को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर-आज मद्रास को चेन्नई एवं बम्बई को मुम्बई नाम से जानते हैं।
 




16).  पलासी और बक्सर के युद्धों में आप किसे निर्णायक मानते हैं और क्यों ?
उत्तर-जून, 1757 में मुर्शिदाबाद के पास पलासी में बंगाल के नवाब सिराजुउद्दौला के करीब 30,000 सिपाहियों और अंग्रेजी सेना के बीच युद्ध हुआ था। बिना कोई कर दिये बंगाल में व्यापार करने का शाही फरमान अंग्रेजों ने 1717 ई. में मुगल सम्राट फर्रुखसियर से प्राप्त कर लिया था जिससे बंगाल के राजस्व को काफी क्षति हो रही थी। इसी के खिलाफ सिराजुद्दौला ने अंग्रेजों से युद्ध किया पर नवाब सिराजुद्दौला मारा गया। फिर उसके सेनापति मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाकर अंग्रेजों ने भारत में कंपनी की सत्ता की स्थापना की शुरुआत की।
मीरजाफर ने भी जब कंपनी की अनीतियों का विरोध किया तो उसे हटाकर अंग्रेजों ने उसके दामाद मीरकासिम को 1760 में बंगाल का नवाब बना दिया। बाद में वह भी अंग्रेजों की गलत नीतियों के खिलाफ हो गया। उसने मुगल शासक शाह आलम और अवध के नवाब शुजाउद्दौला के साथ मिलकर अंग्रेजों की खिलाफत की।
अंततः, तीनों की संयुक्त सेना के कंपनी की सेना के साथ पश्चिम बिहार के बक्सर नामक स्थान पर 1764 ई. में युद्ध हुआ जिसमें भारतीय सेनाओं की हार हो गई। इस हार के पश्चात् 1765 ई० में शुजाउद्दौला और शाह आलम ने इलाहाबाद में क्लाइव के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
समझौतों के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी मिल गई।
इससे कंपनी को इन प्रदेशों से राजस्व वसूली का अधिकार मिल गया। इससे उन्हें अत्यधिक व्यापारिक फायदा हुआ । अब वे बंगाल विजय के बाद भारत में एक महत्वपूर्ण राजनैतिक शक्ति के रूप में उभरे और धीरे-धीरे पूरे भारत के आर्थिक संसाधनों पर अपना कब्जा जमाने के प्रयास में लग गए।


17). जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस प्रकार काल खंडों में बाँटा, उससे आप कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर-1817 ई. में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री, इतिहासकार और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन खंडों में (हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया) ब्रिटिश भारत का इतिहास नामक एक पुस्तक लिखी। अपनी इस किताब में जेम्स मिल ने भारत के इतिहास को हिन्दू-मुस्लिम और ब्रिटिश इन तीन काल खंडों में बाँटा । यह विभाजन इस विचार पर आधारित था कि शासकों का धर्म ही
एकमात्र महत्वपूर्ण ऐतिहासिक परिवर्तन होता है। कालखंड के इस निर्धारण को उस वक्त लोगों ने मान भी लिया। पर ऐसा करना गलत था। किसी भी स्थान या देश के इतिहास का निर्धारण मात्र उस देश के शासक के धर्म पर नहीं होता। इसके पीछे कई कारक होते हैं जिनमें आर्थिक, सांस्कृतिक, वैचारिक और राजनीतिक आदि कारण शामिल होते हैं। जेम्स मिल का भारतीय इतिहास के कालखंड को बांटने का जो आधार है यानी शासकों का धर्म ही ऐतिहासिक परिवर्तन का आधार है—बेहद दकियानूसी विचार है और मैं ऐसे संकीर्ण विचार से सहमत नहीं हूँ।
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